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प्रो. महावीर सिंह बने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 28वें स्थायी कुलपति, सरकार ने अधिसूचना की जारी
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स्टैनफोर्ड रैंकिंग में टॉप 2% वैज्ञानिकों में शामिल, चुंबकीय नैनो प्रौद्योगिकी में वैश्विक पहचान
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स्थानीय मूल, वैश्विक सोच, इलेक्ट्रिक वाहन, संचार और चिकित्सा क्षेत्र में किए नवाचार
HPU new vice chancellor: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) को तीन वर्षों के लंबे अंतराल के बाद स्थायी कुलपति मिल गया है। प्रोफेसर महावीर सिंह को विश्वविद्यालय का 28वां कुलपति नियुक्त किया गया है। सोमवार को राज्य सरकार की ओर से उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की गई। प्रो. सिंह स्वयं एचपीयू के पूर्व छात्र रहे हैं और जिला शिमला के कुमारसैन क्षेत्र से संबंध रखते हैं।
55 वर्षीय प्रो. महावीर सिंह को 2024 की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैश्विक रैंकिंग में अनुप्रयुक्त भौतिकी के क्षेत्र में विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में स्थान मिला है। यह सम्मान उन्हें चुंबकीय नैनो प्रौद्योगिकी में उनके उल्लेखनीय शोध और योगदान के लिए दिया गया है, जो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।

प्रो. सिंह ने पिछले 13 वर्षों में हरित ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, संचार और जैव चिकित्सा क्षेत्रों में चुंबकीय नैनो तकनीक के नवाचारों पर महत्वपूर्ण शोध किया है। उनका कार्य गीगाहर्ट्ज आवृत्ति रेंज एंटीना, जैविक कोशिकाओं की गतिविधि और एंजाइमों के अनुप्रयोग पर केंद्रित रहा है, जो सुरक्षित और प्रभावी चिकित्सकीय तकनीकों को आगे बढ़ाता है।
उन्होंने दुर्लभ चुंबकीय सामग्रियों की जगह फेराइट्स के उपयोग को बढ़ावा देकर इलेक्ट्रिक मोटर उद्योग में स्थायी समाधान विकसित किए हैं, जिससे वैश्विक सामग्री संकट से निपटने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। ब्रेस्ट यूनिवर्सिटी (फ्रांस), किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी (सऊदी अरब), और डंडी यूनिवर्सिटी (यूके) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ उनका अंतरराष्ट्रीय सहयोग उनके शोध के प्रभाव को और सशक्त बनाता है।
प्रो. महावीर सिंह अब तक 25 पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर चुके हैं, जिनमें से कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत हैं। उन्होंने अमेरिका, यूके, जापान, इटली, स्पेन और ब्राजील जैसे देशों में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शोध पत्र प्रस्तुत करवाए हैं।
उनकी शोध यात्रा आईयूएसी नई दिल्ली, बीएआरसी मुंबई, और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च जैसे संस्थानों की भागीदारी के साथ हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के माध्यम से संचालित हुई। उनका प्रभावशाली प्रकाशन रिकॉर्ड और उच्च उद्धरण सूचकांक उन्हें अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय में विशिष्ट स्थान दिलाता है।
एचपीयू में एक स्थायी और योग्य नेतृत्व मिलने से शैक्षणिक और शोध वातावरण को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।



